बुधवार व्रत कथा
बुधवार व्रत कथा , बुधवार पूजा विधि9

बुधवार व्रत कथा उन लोगों को अवश्य पढ़ना चाहिए जो लोग बुधवार का व्रत कर रहे हैं । बुधवार व्रत के नियम क्या हैं ?  बुधवार व्रत की विधि क्या है ? बुधवार व्रत के फायदे क्या हैं ? इन सभी प्रश्नों का उत्तर इस लेख  में मिलेगा ।

बुधवार व्रत के फायदे और बुधवार व्रत के नियम

परमात्मा द्वारा की गई सात वारों की रचना

जब विधाता ने अपनी सृष्टि में पुण्य पाप की रचना की , तो उन शुभ अशुभ कर्म करने वालों को शुभाशुभ फल देने के लिए ईश्वर ने वारों का निर्माण किया । परमात्मा ने सूर्य आदि 7 ग्रहों को जो अपने स्वरूप भूत तथा प्राणियों के सुख-दुख के सूचक हैं ,  उन्हीं 7 ग्रहों को सात वारों में रचना करके उनके अधिपति भी नियुक्त किए।

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बुधवार व्रत के फायदे

ग्रह देवता बुद्ध पुष्टि प्रदान करने वाले देवता हैं । इनकी पूजा करना , हवन करना , इनसे संबंधित दान करना तथा इनका जप करना बहुत ही फलदाई होता है । दधि युक्त अन्न का भोग बुध देवता को लगाना चाहिए ।ऐसा करने से बुध देवता अच्छे पुत्र , अच्छे मित्र और अच्छी पत्नी प्रदान करते हैं ।

अगर बुध आपकी कुंडली में खराब स्थिति में है तो भी बुधवार का व्रत करने से लाभ होता है । जो लोग बुधवार का व्रत करते हैं उनके सारे मनोरथ भगवान पूरे करता है ।

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बुधवार व्रत कथा

एक रामू नाम का व्यक्ति अपनी ससुराल गया और कुछ दिन रहकर ससुर जी से बुधवार के दिन अपनी विदाई मांगी । परंतु ससुर जी ने बुधवार के दिन विदाई करने से मना कर दिया । लेकिन ज्यादा आग्रह करने पर पुत्री के सहित दमाद जी की विदाई हो गई ।

रास्ते में पत्नी को प्यास लगी , तो रामू जी जल लेने के लिए चले गए और वापस आने पर देखते हैं कि उन्हीं की शक्ल का एक व्यक्ति पत्नी के पास बैठा है । इस पर उस व्यक्ति पर रामू जी बहुत क्रोधित हुए और उस व्यक्ति से झगड़ने लगे परंतु उस व्यक्ति  ने उल्टा रामू के ऊपर गुस्से में आकर कहा कि यह मेरी पत्नी है ।

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काफी झगड़ा होने के बाद कोई निर्णय नहीं हो सका और पत्नी भी बड़े आश्चर्य में पड़ गई । कुछ देर बाद यह खबर राजा के सिपाहियों तक पहुंची । राजा के सिपाहियों ने रामू को गिरफ्तार कर लिया और राजा के पास ले चले ।तब तो रामू बड़े संकट में पड़ गए और बुध देवता से प्रार्थना करने लगे ।

उसी समय आकाशवाणी हुई कि तुम ससुर का कहना न मानकर बुधवार के दिन पत्नी को विदा करा कर लाए थे । यह उसी का फल है ।तब रामू ने बुध देवता की विनती की और उनसे क्षमा मांगी । जिसके कारण वह सिपाहियों से मुक्त हो गए और पत्नी के साथ सकुशल घर लौट आए । तब से रामू पत्नी के साथ बुध देवता की पूजा एवं व्रत करने लगे ।

इस प्रकार जो व्यक्ति बुधवार का व्रत करता है और कथा कहता है । उसको बुध देवता जनित कोई बाधा या कष्ट नहीं होता । बोलो बुध देवता की जय ।

।। इति बुधवार व्रत कथा ।।

बुधवार व्रत कथा
पंडित के .के. द्विवेदी की कलम से लेखक कर्मकांड पूजा के प्रतिष्ठित विद्वान हैं

 

 

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