वास्तु के कुछ सरल टिप्स
आजकल एजुकेशन का बहुत महत्व है । बच्चों की पढ़ाई का कोर्स बहुत ज्यादा है। ऐसे में अगर बच्चे का पढ़ाई में मन न लगे तो उसका प्रतिस्पर्धा में बने रहना बहुत मुश्किल हो जाता है और बह बच्चा पिछड़ने लगता है और इन सबका दबाव माता-पिता के ऊपर आता है क्योंकि स्कूल के शिक्षक भी माता-पिता से शिकायत करने लगते हैं। ऐसे में हम आपको वास्तु के कुछ सरल टिप्स बताते हैं। जिससे कि बच्चा का पढ़ाई में मन लगने लगेगा और वह फिर से एक अच्छे छात्र की भाँति आगे बढ़ने लगेगा।
बच्चों की पढ़ाई के वास्तु टिप्स
बच्चे की स्टडी टेबल
1-बच्चे की स्टडी-टेबल जिसमें की बच्चा पढ़ता है। वह उत्तर-पूर्व या पूर्व के कोने में रखनी चाहिए। पढ़ाई करते समय बच्चे का मुँह पूर्व-दिशा की ओर होना चाहिए। ऐसे मे बच्चे का पढ़ाई में फोकस बढेगा और वह मन लगाकर पढ़ सकेगा।
गायत्री मंत्र का पाठ
2-बच्चे को गायत्री-मन्त्र का पाठ करवाना चाहिए। इससे बुद्धि कुशाग्र होगी और उसके द्वारा याद किया हुआ पाठ उसे लम्बे समय तक याद रहेगा। उत्तर-पूर्व की दीवार में लाल-पट्टी में हँसते हुए युगल बच्चों की फोटो लगानी चाहिए। ऐसा करने से बच्चे के करियर में साकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
बच्चे के सोने का स्थान
3-बच्चों के लिए सोने का स्थान पश्चिम-दिशा में ज्यादा अच्छा होता है। ऐसा बच्चा माँ-बाप से जुड़ाव महसूस करता है। और उनके द्वारा सिखाई हुई बातों पर ध्यान देता है। ऐसे बच्चे माँ-बाप से अपनी बातें खुलकर करते हैं तथा इनकी वाकपठता अच्छी होती है।
बच्चे को दक्षिण दिशा में ना सुलाएं
4- बच्चों को दक्षिण-दिशा में कभी भी नहीं सुलाना चाहिए। इश दिशा में सोने से बच्चे हठी हो जाते हैं परन्तु जिन बच्चों का करियर प्रारम्भ हो चुका है और वह कमाने की दिशा में अग्रसर होने वाले हैं,वो लोग दक्षिण दिशा में सो सकते हैं।
नार्थ-वेस्ट दिशा में पढ़ने के लिए न बैठाएं
5- बच्चों को कभी भी नार्थ-वेस्ट दिशा में पढ़ने के लिए न बैठाएं यहाँ पर उसका मन नहीं लगेगा। उसका मन पढ़ाई से उचट जाएगा। ऐेसे बच्चों के दोस्त बहुत ज्यादा हो जाते हैं और वह लोग घर से बाहर अधिक समय बिताते हैं।
कुछ ध्यान देने वाले वास्तु नियम
1 बीम कभी भी बच्चों के सिर पर नहीं होनी चाहिए चाहें वह पढ़ रहे हों या सो रहे हों।
2 बच्चा जब पढ़ रहा हो तो प्रकाश बायीं तरफ से आना चाहिए।
3 बच्चे के सोते समय दक्षिण की तरफ पैर करके न सोएं
4 जो लोग प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं,उतने समय के लिए उन्हें अग्निकोण में पढ़ना चाहिए।
5 पढ़ाई करते समय बहुत ज्यादा गर्मी,बहुत ज्यादा सर्दी, धीमा प्रकाश इत्यादि से बचना चाहिए ।