शास्त्रों में गाय के गोबर में लक्ष्मी का निवास बताया गया है और भागीरथी गंगा का निवास गोमूत्र में बताया गया है l  कानपुर के ज्योतिषाचार्य विवेक तिवारी पंचगव्य अर्थात गाय का गोबर, गोमूत्र,दूध, दही, घी  एवं मिट्टी के मिश्रण से श्री गणेश एवं माता लक्ष्मी जी की मूर्तियां बनाकर लोगों में वितरित कर रहे हैं इन मूर्तियों को रंगने में सिर्फ खाने वाले रंगों , हल्दी , गेरू, मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है l इन मूर्तियों के संपर्क में आने से किसी भी प्रकार की बीमारी का कोई भय नहीं रहता है यह मूर्तियां इको फ्रेंडली हैं जब इनका जल में विसर्जन होता है तो यह जल को स्वच्छ करती हैं  जब भी आप इन मूर्तियों का विसर्जन करते हैं तो इससे जल प्रदूषित नहीं होता एवं जलीय जंतुओं को कोई भी हानि नहीं होती तथा  आप पर जलीय जंतुओं की हत्या का दोष भी नहीं लगता जबकि प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी हुई एवं खतरनाक   डाइ के इस्तेमाल के कारण मूर्तियों  जल में प्रवाहित होने पर जल में एसिड को बढ़ा देती हैं  और जल को प्रदूषित करती हैं जिससे निर्दोष जलीय जंतुओं की हत्या होती है l

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