सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिया की विवादित जगह रामलीला की है और वहां सरकार राम मंदिर निर्माण की व्यवस्था करें ।

सरकारमहीने में मंदिर निर्माण की स्कीम बनाएं

न्यायालय में सर्वसम्मति से शिया वक्फ बोर्ड का दावा खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से निर्मोही अखाड़े का दावा भी खारिज किया

सुप्रीम कोर्ट में 70 साल से चल रही रहे विवाद का आज पटाक्षेप हो गया तथा प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, एस ए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़ ,अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर की संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया । 40 दिन लगातार कई कई घंटों चली सुनवाई के बाद यह फैसला आया । इस फैसले से पूर्व शुक्रवार को प्रधान न्यायाधीश ने स्वयं उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी और डीजीपी ओपी सिंह से मुलाकात करके कानून और व्यवस्था की जानकारी ली थी ।
क्या है मामला
इस मुकदमे में बाबर का उल्लेख करते हुए या कहा गया है 1528 में बाबर ने आदेशित करके अयोध्या राम जन्म भूमि मंदिर में विवादित ढांचे का निर्माण करवाया था । इसी कारण हिंदुओं और मुसलमानों में आपस में विवाद चल रहा था । एक ओर जहां मुसलमान अपना विवादित जमीन पर अपना हक मांग रहे थे । वहीं दूसरी ओर हिंदू वहां पर भव्य राम मंदिर निर्माण की मांग कर रहे थे । जैसा की विदित हो 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा ढहा दिया गया था । हालांकि तब भी या मुकदमा लंबित था ।

क्या था हाईकोर्ट का फैसला
हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार तीन भागों में जमीन बांटने का आदेश हुआ था । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 सितंबर 2010 को अयोध्या मंदिर की 2.77 एकड़ जमीन को तीन बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश सुनाया था । जिसने एक हिस्सा राम लला को विराजमान कराने की बात कही गई थी ।

दूसरा हिस्सा निर्मोही अखाड़ा को दिया गया था । तीसरा हिस्सा मुसलमानों को देने का आदेश था । हाई कोर्ट के अनुसार रामलला विराजमान को वही हिस्सा देने का आदेश किया गया था । इस आदेश के खिलाफ सभी पक्ष सुप्रीम कोर्ट चले गए थे ।

देशभर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

देशभर में सुरक्षा व्यवस्था बहुत ही कड़ी कर दी गई है । प्रधान न्यायाधीश समेत संविधान पीठ में शामिल सभी जजों की सुरक्षा व्यवस्था और बढ़ा दी गई है ।विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश में सुरक्षाबलों को बहुत ज्यादा सतर्क रहने के लिए कहा गया है । किसी भी अप्रिय घटना से निपटने की पूरी तैयारी कर ली गई है । प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को जेड प्लस सुरक्षा दी गई है । संविधान पीठ में शामिल अन्य चार जजों की सुरक्षा व्यवस्था अचानक कल से बहुत कड़ी कर दी गई है । देश के सभी इलाकों विशेषकर दिल्ली और उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा स्वयं गृह मंत्री श्री अमित शाह ले रहे हैं ।विशेष निगरानी के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी नजर रखी जा रही है किसी भी तरह की अफवाह फैलाने वालों पर विशेष सख्त कार्रवाई की जाए जाएगी ।

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